Saturday, August 4, 2018

परमेश्वर पूछ रहे थे कहाँ हैं उनकी बेटियां

Photo Source: Unknown

बेटियां पंच की होती हैं और पंच परमेश्वर होते हैं . तो अब तक जो बेटियां गायब हुईं वो परमेश्वर की थी. अब परमेश्वर यह सवाल पूछ रहे हैं कि उनकी बेटियां कहाँ हैं ?

मैंने उनसे पूछा कि आपकी कौन सी बेटी ? क्या नाम था ? कहाँ छोड़ा था आपने उसे ? कहाँ से गम हुईं ?

परमेश्वर ने कहा उसका नाम लक्ष्मी, शबीना, मरियम, प्रीतो, बुधनी, सीता, बबीता .................था ... उनकी संख्या तो ऊपर जाकर रजिस्टर में देखना होगा. उनको बिहार प्रदेश में छोड़ा था और मेरे अनुपस्थिति में वे तुम्हारे कल्याणकारी सरकार के सहयोग से चलाये जा रहे बालिका गृहों, उत्तर रक्षा गृहों और न जाने तुमने क्या-क्या नाम रखे हैं उसी में रहती थीं .... कुल मिलाकर वो तुम्हारे राज्य में, तुम्हारे सरकार के संरक्षण में थीं. पिछले कुछ वर्षो से वे लगातार गायब हो रही हैं ...


मैंने पूछा आपको कैसे पता? क्योंकि ये बात तो किसी अख़बार में पहले आई नहीं और आई भी थी तो स्थानीय स्तर पर जो जिले के बाहर भी जा नहीं पता फिर आपको खबर कैसे मिली ?

परमेश्वर ने कहा कि उनमे से जो ऊपर मेरे पास आईं थीं उन्होंने ने ही बताया कि उन्हें यहाँ (धरती से) से भगा दिया गया है ?

मैंने कहा कि आप उन बालिका गृहों में जाकर पूछो. मुझे क्यों पूछ रहे हो ?

परमेश्वर ने कहा कि वहां जाकर पूछा तो पता चला कि कई वहां से भाग गई हैं (जैसा कि उनके बही-खाते कहते हैं) . जो अगर भाग जातीं, तो यही कहीं होती, लेकिन वो तो यहाँ हैं नहीं. हाँ जो ऊपर आईं थीं उन्होंने दिखाया था अपने जख्म (शरीर के भी और मन के भी) ... बड़े गहरे थे... इतने भयानक थे कि उन्हें देखकर हम सबके रूह कांप गए और मुझे उन्हें ढूंढने के लिए भेजा गया है.

मैंने परमेश्वर से पूछा ? मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूँ ?

परमेश्वर ने हाथ जोड़कर कहा ... मैं तो तुम्हारे सरकार को वोट नहीं देता इसलिए सवाल नहीं पूछ सकता. लेकिन तुम तो मतदाता हो, सवाल पूछ सकते हो. ऊपर से सोने पर सुहागा यह कि तुम्हारे यहाँ सूचना का अधिकार कानून भी है. तुम जरा यह पूछ कर बताओ कि पिछले 10 वर्षों में कितनी बच्चियां इन होमों से भागीं हैं (जैसा कि कहा जाता है) ? इनमे से कितनी बच्चियों का आजतक पता नहीं चला (उम्मीदतः तो वो अब तुम्हारी दुनिया में नहीं हैं) ? कितनी बच्चियों ने इन होम के दिवारों के बीच दम तोडा है ? मुझे ये लेखा जोखा ले जाकर ऊपर जवाब देना है. क्योंकि तुम्हारी धरती पर भले बच्चियों की जान की कीमत न हो...  हमारे यहाँ है.

मैंने कहा परमेश्वर आपके सवाल को मैं सरकार के समक्ष पूछ तो लूं मगर 10 रुपये का पोस्टल आर्डर कौन देगा?

परमेश्वर पोस्टल आर्डर लाने डाकघर गये ... तबतक मेरी नींद खुल गई

ये अलग बात है कि परमेश्वर पोस्टल आर्डर लेकर आयेंगे की नहीं ये तो अगली नींद के सपने में ही पता चलेगा.... लेकिन पंच तो ये सवाल पूछ ही सकते हैं क्योंकि बेटी पंच की होती है. जैसा हमारे यहाँ शुरू से कहा जाता है....

माननीय न्यायलय भी पूछ सकती है ... क्योंकि ये मामला उन बेसहारों और बेआवाजों के न्याय का भी है...

बहरहाल एक नागरिक होने के नाते मेरी अपनी सरकार को मेरी मुफ्त की राय यह है कि गायब हुई इन बच्चियों का लेखा जोखा तैयार कर ले क्योंकि हिसाब तो देना पड़ेगा....

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