Saturday, June 9, 2018

युवा

वे आवाज नही उठाते
उनके गले में खराश है
वे अब सपने नहीं देखते
सबके सब निराश हैं
अब दौड़ नही पाते
क्योंकि वे बदहवाश हैं
वे तुम्हारा झंडा ढोते
उन्हें कुछ तलाश है
तेरे दोमुंहेपन के चलते
युवाओं का सत्यानाश है

#शब्दांश / रणविजय

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